‘उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊं, मधुर चांदनी रातों की’- कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
‘उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊं, मधुर चांदनी रातों की’ कथन से कवि कहना चाहता है की उसके जीवन में सुख के भी दिन आये थे, जो मधुर चांदनी रांटो के समान मधुमय थे। मैं उन्हें किस प्रकार किसी को सुना सकता हु, क्योकि वे क्षण तो नितांत एकाकी होते है। उनकी गाथा नहीं गयी जा सकती है।
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