स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का क्या आशय है?

स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का क्या आशय है?

कवि जीवनरूपी यात्रा मे स्वयं को अत्यधिक थका हुआ अनुभव करता है इसलिए उसके पास स्मृतियों का ही ऐसा शम्बल है जिसके माध्यम से वह जीवन में आगे का रास्ता तय करेगा।

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‘उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊं, मधुर चांदनी रातों की’- कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

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