किसी मित्र को उसकी माताजी के आकस्मिक निधन पर एक संवेदना-पत्र लिखिए।
128, सेक्टर 2
गुड़गांव
घंटाघर के समीप
10 नवंबर 2023
प्रिय मित्र सूरज,
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। पत्र के माध्यम से यह जानकार अत्यंत दुःख हुआ की पूज्य माँ का आकस्मिक निधन हो गया है। मैं समझ सकता हूँ की तुम पर क्या बीत रही होगी। तुम्हारे दुःख को सहानुभूति और सांत्वना के शब्द समाप्त तो नहीं कर सकते, परन्तु कम अवश्य कर सकते है।
माता-पिता का आभाव मैं मानता हूँ की जीवन का सबसे बड़ा आभाव है, परन्तु संसार के जन्म-मृत्यु के चक्र से कोई भी बच नहीं पाया है।
सूरज! और अधिक क्या कहु, मृत्यु ही एक ऐसा सत्य है, जिस पर मनुष्य का कोई वश नहीं चलता। संसार में जो आता है उसका जाना निश्चित है। यह दुःख तो हमे न चाहकर भी सहन करना ही पड़ता है। पूज्य माँ का प्रेममय व्यवहार मैं कभी नहीं भूल सकता। जब हम रातो में देर तक साथ में पढ़ा करते थे तो वे नंद से जागकर ही हम लोगो को गरम दूध , चाय, कॉफी आदि पहुंचाया करती थी। आज हमारे दुर्भाग्य से वे हमसे दूर हो गयी है अब इस भरी दुःख को सहने के अतिरिक्त और उपाय भी क्या है।
मेरी परमपिता परमेश्वर के चरणों में हार्दिक प्रार्थना है की वह माँ की आत्मा को चिर शांति प्रदान करे। प्रिय मित्र, इस विपत्ति के समय में मैं तुम्हे धीरज रखने को ही कहूंगा। ईश्वर तुम्हे एवं तुम्हारे परिवार के सभी सदस्यों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
तुम्हारा मित्र
सतीश
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