Holi Essay In Hindi- होली, भारत का एक प्रमुख पर्व है, जो हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह एक रंगीन महोत्सव है जिसे भारत के हर राज्य में उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस निबंध में, हम Holi Essay In Hindi के बारे में बात करेंगे।
होली का महत्व हिन्दू परंपरा में बहुत बड़ा होता है। इसे फाल्गुन मास के पूर्णिमा को मनाने के रूप में मनाया जाता है, जो मार्च या अप्रैल में आता है। होली के त्योहार का मुख्य आदर्श “प्रेम और ब्रदरहूड” है। इसके साथ ही, यह भी मनाया जाता है कि वर्ष के अच्छे और बुरे समय का परिणाम मिलकर सबकुछ ठीक होता है।
होली का खेल खास रंगों का खेल होता है। यह खेल होली के पहले दिन, जिसे होली पूजन या होली के चोटे दिन के रूप में जाना जाता है, प्रारंभ होता है। लोग एक-दूसरे पर रंग फेकते हैं और खुशियों का त्योहार मनाते हैं। इस खेल में लोग विभिन्न रंगों का पारंपरिक उपयोग करते हैं और एक-दूसरे के साथ रंगों का आनंद लेते हैं।
होली के खेल में यह भी महत्वपूर्ण होता है कि लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर मनाते हैं। इसमें दोस्ती और समरसता की भावना होती है, और लोग आपस में खुशियों का बांटते हैं। होली का महत्व और महत्वपूर्ण तथ्यों के साथ, इस पर्व का आयोजन कैसे होता है, इसके पीछे छिपे राज, और इसका सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू हम इस Holi Essay In Hindi निबंध में जानेंगे।
Holi Essay In Hindi
प्रस्तावना
होली हिन्दुओ का एक प्रमुख त्यौहार है। होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्यौहार है, जिसे हिन्दुओ के साथ अन्य धर्मो के लोग भी बड़े धूम-धाम से रंगो के साथ और हर्सोल्लास के साथ मनाते है। होली के त्यौहार के उपलक्ष में सभी लोग एक दूसरे के घर जा कर रंग लगाते और नाचते-गाते है। होली के दिन पर लोग अपने घरो में अलग अलग तरह के पकवानो को बनाते है। प्यार भरे रंगो से सजा यह पर्व भाई-चारे का सन्देश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते है और एक दूजे को गुलाल लगाते है। बच्चे और युवा कई दिन पहले से ही रंगो में डूब जाते है।
होली मनाने का समय
होली रंगो को त्यौहार है जो हिन्दुओ के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। होली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस त्यौहार को फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार प्रमुख रूप से दो दिनों का होता है। जिसमे पहले दिन होलिका दहन किया जाता है, जिसमे लकडिया गोबर के कंडे बनाती है और उनसे होलिका दहन किया जाता है। होली के दूसरे दिन को घुलण्डी कहा जाता है। जिसमे सभी लोग एक दूसरे को रंग-बिरंगे-रंग लगाते है। दूसरा दिन रंगोत्सव होता है।
होली मनाने का कारण
हिरणयकश्यप का विचार था की जैसे उसको सभी भगवान् मानते है उसी तरह उसका पुत्र प्रह्लाद भी उसको भगवान् माने। हिरणयकश्यप ने पुत्र प्रह्लाद को कई बार चेतावनी दी की वो बिस्नु की आराधना न करे वर्ण उसे मृत्यु दंड दिया जायेगा। लेकिन प्रह्लाद ने अपने पिता की एक बात न सुनी और चेतावनी देने के बाद भी बिस्नु की आराधना में लींन रहे। हिरणयकश्यप ने बहुत बार तो अपने पुत्र को मारने की कोशिश की लेकिन वो इस कोशिश में असफल रहा। तमाम कोशिशों के बाद हिरणयकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद लेने की सोची।
होलिका को भगवान् से वरदान प्राप्त था की होलिका को कोई आग नहीं जला सकती है। इसीलिए हिरणयकश्यप ने चिता बनवायी। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता पर बैठ जाती है और चिता को आग लगा दी जाती है। प्रह्लाद चिता में बैठने के बाद भी बिस्नु की आराधना में ही लींन रहते है और आग में होलिका भस्म हो जाती है। उसका वरदान भी निष्फल हो जाता है क्युकी उसने अपने वरदान का दुरूपयोग किया था। वही दूसरी तरफ प्रह्लाद आग में बैठने के बाद भी अपनी भक्ति की शक्ति के कारण सुरक्षित रहते है। बसने भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है और दूसरे दिन ख़ुशी में लोग रंग खेलते है।
होली का वर्णन
होली का त्यौहार होली की रात्रि से एक दिन पूर्व आरम्भ हो जाता है। लोग उपलों, लकड़ियों का ढेर लगाते है इस ढेर को होलिका कहा जाता है। फिर शुभ घड़ी में इस ढेर यानि होलिका में आग लगा दी जाती है। इसी आग में लोग नए अनाज जी बलि भूनकर अपने आराध्य को अर्पित करते है। होलिका दहन अगला दिन रंग-भरी होली का होता है। इसे धुलैण्डी भी कहते है। इस दिन सभी धर्म और जाति के छोटे-बड़े, बच्चे-बुड्ढे, स्त्री-पुरुष एक दूसरे को गुलाल लगाते है और रंग डालते है।
सड़को पर युवको की टोली गाती बजाती निकलती है। एक दूसरे को मिठाईया खिलाते है और रंग लगाते है। और अमीर-गरीब, ऊँच-नीच का भेद भूलकर सभी आनंद के साथ होली में झूमते नजर आते है। बहुत से लोग भांग और ठंडाई भी पीते है। घर की महिलाये बहुत सारे पकवान बनाती है जैसे- गुजिया, पापड़, पूरी, कचौड़ी आदि। ये सब पकवान बनाकर दोपहर से ये लोग भी होली खेलना प्रारम्भ करती है वही बच्चे सुबहः उठने के साथ ही उत्साह के साथ होली खेलने के लिए मैदान में आ जाते है।
होली का महत्त्व
होली के पर्व से जुड़े होलिका दहन के दिन, परिवार के सभी सदस्य को उबटन लगाया जाता है। (हल्दी, सरसो, दही, और आटा के लेप को उबटन कहा जाता है।) ऐसी मान्यता है की उस दिन उबटन लगाने से व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते है व गांव के सभी घरो से एक-एक लकड़ी होलिका में जलाने के लिए दी जाती है। आग में लकड़ी जलने के साथ लोगो के सभी विकार भी जल कर नस्ट हो जाते है। होली के कोलाहल में, शत्रु के भी गले से लग जाने पर सभी अपना बड़ा दिल कर के आपसी दुश्मनी भूल जाते है।
वर्तमान में होली का रूप
वर्तमान में होली का रूप बदलता जा रहा है क्योकि युवा लोग इसके महत्व न समझ कर, नशे के त्यौहार के रूप में देख रहे है। आजकल की युवा होली के दिन तरह-तरह का नशा करके बैठे रहते है। कुछ लोगो को तो इसे गंभीर नुकसान भी हो जाते है। इस दिन अब युवाओ में लड़ाई झगड़ा तो आम बात हो गयी है। लोग होली के त्यौहार पर दुश्मनी भुलाने की जगह अब दुश्मनी बढ़ाने में लगे है।
आजकल के युवा रंग की जगह गोबर नाली का पानी और पक्के रंगो का इस्तेमाल करते है जो की होली की शोभा को धूमिल करते है। यह सब चीजे होली के त्यौहार की छवि को ख़राब कर रही है। हमे लोगो को जागरूक करना होगा।
उपसंहार
होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस त्यौहार से सिख लेते हुए हमें भी अपनी बुराइयों को छोड़ते हुए अच्छाई को अपनाना चाहिए। यह एक ऐसा त्यौहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से प्रे जाकर लोगो को भाई-चारे का सन्देश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले मिलते है। हमें इस बात को समझना होगा की होली मिल-जुलकर, प्रेम से रहने और जीवन के रंगो को अपने भीतर आत्मसात करने का त्यौहार है। वर्तमान में भटके हुए युवाओ को हमें इस त्यौहार के महत्त्व और विशेषताओं के बारे में बताना चाहिए, ताकि उनके विचार बदले और हमारे इस सौहार्दपूर्ण त्यौहार की छवि बनी रहे।
Holi Essay In Hindi For Child
होली भारत देश का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार हिन्दुओ द्वारा मार्च के महीने में मनाया जाता है। यह आनंद, उल्लास, मस्ती और मौज का त्यौहार है। होली को रंगो का त्यौहार कहा जाता है।
इस त्यौहार से संभंधित एक कहानी प्रसिद्ध है। प्राचीन काल में हिरणयकश्यप नामक अत्याचारी राजा था। उसे ईश्वर में विश्वाश नहीं था। उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान् बिस्नु का भक्त था, इसीलिए उसके पिता उसे मार देना चाहते थे। दूस्ट राजा ने अपनी बहन होलिका से प्रह्लाद को मार डालने को कहा। होलिका को ईश्वर द्वारा आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। वह प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गयी। परन्तु, चमत्कारिक रूप से होलिका जल गई और भगवन बिस्नु ने प्रह्लाद को बचा लिया।
तभी से बुराई पर अच्छाई की जीत को व्यक्त करने के लिए होली की पूर्व संध्या पर होलिका दहन किया जाता है। अगले दिन लोग रंग तथा गुलाल से खेलते है। लोग दोस्तों और रिस्तेदाओ के गालो पर चमकीले रंग लगाते है। वे ख़ुशी से नाचते है और गाते है। इस दिन लोग एक दूसरे से गले मिलते है और होली की सुभकामनाये देते है। इस दिन घरो में तरह तरह के पकवान बनाये जाते है। यह आनंद देने वाला त्यौहार है।
होली का त्यौहार हमें एकता, प्रेम और भाईचारे का सन्देश देता है।
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Holi Essay In Hindi 10 lines
1- होली रंगो का त्यौहार है।
2- हम होली मार्च के महीने में मानते है।
3- मैं अपने परिवार के साथ होली मनाता हु।
4- मैं अपने दोस्तों के साथ होली खेलता हु।
5- बच्चे रंगो से खेलते है।
6- हम मिठाई खाते है।
7- होलिका दहन छोटी होली पर किया जाता है।
8- होली को बसंत उत्सव भी कहा जाता है।
9- होली का मतलब है बुराई पर अच्छाई की जीत।
10- मुझे होली बहुत पसंद है।
Holi Par Nibandh 10 Line
1- होली भारत का प्रमुख त्यौहार में से एक है।
2- होली का पर्व फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है।
3- होली के दिन सभी एक दूसरे को रंग व गुलाल लगाते है।
4- होली दो दिनों का त्यौहार है।
5- होली की शुरुआत होलिका दहन से होती है।
6- होली के दिन लोग ख़ुशी से गाते और नाचते है।
7- इस दिन घरो में तरह-तरह के पकवान बनाये जाते है।
8- होली प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का त्यौहार है।
9- होली एकजुटता का अर्थ है।
10- होली को रंगो का त्यौहार भी कहा जाता है।
होली पर निबंध 200 शब्दो में (Holi Essay In Hindi 200 Words)
होली मेरा सबसे प्रिय त्यौहार है। इस दिन घर-घर में उमंग एक प्रसन्नता छायी रहती है। बाजारों में कई दिनों पूर्व से ही चहल-पहल देखी जा सकती है। मैं होली के अवसर पर माता-पिता के साथ खरीदारी करने जाता हु। नए वस्त्र, रंग, अबीर, पिचकारी आदि की खरीदारी करता हु। उनके अलावा पकवानो की सामग्री भी खरीदी जाती है। होली के दिन बहुत धूम-धाम रहती है। मैं अपने मित्रो तथा अपने ही उम्र के लोगो पर रंग डालता हु, और अपने से बड़ो के पेरो में गुलाल लगाते है मित्र भी मेरे साथ होली खेलते है। पिताजी तथा बुजुर्ग माथे पर गुलाल लगाकर मुझे आशीर्वाद देते है। फिर पकवानो को खाने तथा खिलने का सिलसिला आरम्भ होता है। आगन तथा गलियों में लोग खुश होकर नाचते है तथा एक दूसरे पर रंग डालते है। इस दिन लोग आपसी वेर और द्वेष भूलकर एक दूसरे से गले मिलते है। शाम को ढोल-नगाड़े बजाये जाते है। लोग गीत गाकर नाचते है। मैं इन कार्यकर्मो में उत्साह से भाग लेता हु। रंगो का त्यौहार होली मुझे बहुत ही आकर्षक लगता है। यह हमें बुराई से दूर रहने तथा अच्छाई के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है।
होली पर निबंध 300 शब्दो में (Holi Essay In Hindi 300 Words)
भूमिका- जिस तरह भारत में दीपावली के त्योहारों को मनाया जाता है उसी प्रकार भारत में होली को भी बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली के त्यौहार को बसंत ऋतू के फाल्गुन मास में मनाया जाता है क्योकि आज के ही दिन भक्त प्रह्लाद के पिता की बहन की आग में जलकर मृत्यु हुई थी जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में माना गया था और उसी दिन से इस उत्सव को हर साल मनाया जाने लगा था जिसकी वजह से इसका इतिहास और महत्व अधिक हो गया है।
होलिका दहन- होली का त्यौहार फाल्गुन मास के आखिरी दिन पर होलिका दहन से शुरू होता है और अगले दिन को रंगो से रंग दिया जाता है। होलिका दहन के लिए बहुत से लोग छोटे-छोटे उपलों की माला बनाकर उसे एक निर्धारित स्थान पर रखा जाता है जिसके बाद रात के समय पंडित जी के बताये गए समय पर उपलों की माला के ढेर में आग लगा दी जाती है इसे लोग होलिका दहन के नाम से जानते है। इसके अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाते है और रंगो से भरे गुब्बारे और पिचकारी से भीगा हुआ रंग फेकते है आज के दिन लोग सभी तरह के भेद-भाव भूलकर एक दूसरे को होली की बधाई देते है।
उपसंहार- होली एक प्रमुख त्यौहार है जिसे भारत देश के साथ-साथ अन्य प्रदेशो में भी बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार रंगो से भरा एक पर्व है जिसे हिन्दुओ के द्वारा बहुत ही हर्षोलास के साथ मनाया जाता है। भारत में अनेक त्यौहार मनाये जाते है लेकिन होली का त्यौहार बाकि सभी त्योहारों से कुछ अलग तरह का त्यौहार है। होली का त्यौहार हम सभी को मौज-मस्ती, मनोरंजन, ख़ुशी, उत्साह आदि का सन्देश देता है। होली के त्यौहार को दुखो, उलझनों और संतापों को भूलकर अपनी सम्पूर्णता के साथ इस त्यौहार को मानते है।
FAQs
1. होली क्यों मनाई जाती है?
होली का महत्व हिन्दू परंपरा में महत्वपूर्ण है, और यह एकता और प्यार का प्रतीक होता है। इसके अलावा, इसे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के साथ मनाया जाता है।
2. होली का आयोजन कैसे होता है?
होली के त्योहार का आयोजन बड़े धूमधाम से होता है। इसे लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ खूबसुरती से मनाते हैं और पूरे दिन रंगों के साथ खुशियों का सावन उत्सव मनाते हैं।
3. होली के खेल क्या होते हैं?
होली के खेल में लोग रंग फेकते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियों का त्योहार मनाते हैं। यह खेल आनंद और मस्ती से भरा होता है और लोग इसमें खुशी-खुशी पार्टिसिपेट करते हैं।
4. होली का महत्व धार्मिक है या सांस्कृतिक?
होली का महत्व दोनों ही है। इसे हिन्दू धर्म के अनुसार मनाया जाता है, लेकिन इसका सांस्कृतिक महत्व भी है, जो भारतीय समाज में एकता और समरसता की भावना को प्रकट करता है।
5. होली के त्योहार का इतिहास क्या है?
होली का त्योहार भारतीय इतिहास में बहुत प्राचीन है और इसका उल्लेख महाभारत महाकाव्य में भी मिलता है। इसका महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के साथ है और यह प्रत्येक वर्ग के लोगों को एक साथ लाता है।
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