Global Warming Essay In Hindi

Global Warming Essay In Hindi- ग्लोबल वार्मिंग एक प्रकार की पृथ्वी के तापमान की वृद्धि है जिसका मतलब है कि पृथ्वी के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। इसका मुख्य कारण है मानव गतिविधियां जैसे कि औद्योगिक प्रक्रियाओं, वनस्पतिगत उतार-चढ़ाव, और जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गैसों का वातावरण में छोड़ना, जिनमें कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और मेथेन (CH4) शामिल हैं। इन गैसों के बढ़ने के कारण ग्रीनहाउस प्रभाव होता है, जिससे पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होती है और जलवायु परिवर्तन होता है। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव में समुद्र स्तर की वृद्धि, बाढ़, जलवायु परिवर्तन, और अधिक उतार-चढ़ाव शामिल हैं, और यह प्राकृतिक आपदाओं की ज्यादा होने की संभावना बढ़ाता है। इसको रोकना बहुत जी जरुरी है इसीलिए आज हम इस लेख में निबंध के माद्यम से Global Warming Essay In Hindi पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Global Warming Essay In Hindi
Credit- Freepic

Global Warming Essay In Hindi

प्रस्तावना

अगर इतना प्रदुषण फैलाओगे तो
ग्लोबल वार्मिंग से खुद को कैसे बचाओगे।
जागरूक बनो और पेड़ लगाओ,
ग्लोबल वार्मिंग से इस पृथ्वी को बचाओ।

समय के साथ-साथ जिस तरह मानव जीवन परिवर्तित हुआ है, उसी प्रकार से हमारी पृथ्वी के पर्यावरण में भी काफी परिवर्तन हुआ है, प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल, जंगलो की निरंतर कटाई से पृथ्वी का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। पर्यावरण में कार्बन डाई आक्साईड, सल्फर डाई आक्साईड जैसी गैसों की मात्रा बढ़ने से वायुमंडल में बदलाव, बारिश के तरीको में बदलाव, सूखा, बाढ़, समुद्र के स्तर  में वृद्धि इत्यादि प्राकृतिक आपदाये घटित हो रही है। जब वायुमंडल में कार्बन डाई आक्साईड और ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा बढ़ जाती है, तो पृथ्वी के तापमान में काफी वृद्धि हो जाती है, जिसे ग्लोबल वार्मिंग कहते है। ग्लोबल वार्मिंग न केवल किसी देश की बल्कि पुरे विश्व की समस्या है।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण

ग्लोबल वार्मिंग के कई कारण है जो इस प्रकार है-

(1)- प्रदुषण- वातावरण में प्रदुषण तापमान वृद्धि का प्रमुख कारण है। प्रदुषण के कारण, वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसों का स्तर बढ़ते जा रहा है और यही गैसों कार्बन डाई आक्साईड, मीथेन, सल्फर ही ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है।

(2)- ग्रीन हाउस गैसे- ग्रीन हाउस गैसे सूरज से आने वाली गर्मी को अपने अंदर खींच लेती है, इनमे प्रमुख गैसे कार्बन डाई आक्साईड है, इसे सभी प्राणी अपनी साँस के द्वारा उत्सर्जन भी करते है जब वायुमंडल में Co2 की मात्रा बढ़ जाती है तो ग्रीन हाउस गैसे जैसे- क्लोरीन, नाइट्रोजन आक्साईड मीथेन एक साथ मिलते है तो वायुमंडल के रेडिओ एक्टिव संतुलन को बिगाड़ते है इन गैसों के पास गर्म विकिरण को सोखने की क्षमता होती है। जिससे की यह पृथ्वी की सतह को गर्म करती है।

(3)- जंगलो की कटाई- जंगलो की निरंतर कटाई से पृथ्वी का वातावरण गर्म हो रहा है और ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण है।

(4)- जनसंख्या वृद्धि- वायुमंडल का तापमान को बढ़ाने में जनसँख्या वृद्धि का भी एक महत्वपूर्ण योगदान है।

(5)- ओधोगिक विकास- शहकरीकरण के विकास के लिए उधोगो तथा कारखानों का लगातार विकास हो रहा है जिनसे वातावरण में रसायन, विषैले पदार्थ, धुँआ, प्लास्टिक इत्यादि निकलते है। ये सभी पर्यावरण को गर्म रखने का कार्य करते है।

(6)- ओजोन परत ह्रास- अंटार्टिका में ओजोन परत में कमी आना भी ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है क्लोरो-फ्लोरो कार्बन गैस के बढ़ जाने से ओजोन परत में कमी आ रही है। यह भी एक मानव जनित कारण है।

ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव

ग्लोबल वार्मिंग से वायुमंडल में बहुत परिवर्तन हुए है जैसे ठण्ड के मौसम में अत्यधिक कमी, गर्मी के मौसम में वृद्धि, तापमान में वृद्धि, तूफान, सूखा, ग्लेशियरों का पिघलना, ओजोन परत में कमी। अगर इसी तरह परिवर्तन होते रहेंगे तो जो भी बर्फीले स्थान है वे अपना अस्तित्व खो देंगे। वायुमंडल में CO2 का स्तर बढ़ने से विभिन्न प्रकार के रोगो के बढ़ने की समस्या हो सकती है। ग्लोबल वार्मिंग होने के कई सारे जीव विलुप्त हो चुके है और कुछ विलुप्त होने के कगार पर है।

ग्लोबल वार्मिंग रोकने के उपाय

ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए कई प्रकार की संस्थाए, एनजीओ आदि निरंतर कार्य कर रहे है। परन्तु जागरूकता अभियान चलाये जाने की जरुरत है यह सभी नागरिको के लिए भी जरुरी है। कारखानों तथा वाहनों से निकलने वाली गैसों का समाधान करना चाहिए, जिससे प्रदुषण कम हो। जिन वाहनों से अत्यधिक प्रदुषण होता है उन्हें तुरंत प्रतिबंधित कर देना चाहिए, और जो भी चीजों से ओजोन परत को नुकसान होता है उन्हें भी तुरंत बंद कर देना चहिये जिससे पर्यावरण को कम नुकसान हो। पेड़ पोधो की कटाई पर रोक लगाकर अत्यधिक पेड़ लगाने का अभियान शुरू करना चाहिए। प्लास्टिक पर्यावरण के लिए हानिकारक है क्योकि इसको नस्ट होने में करोड़ो साल लग जाते है। इसका उपयोग कम करना चाहिए तथा जनसँख्या वृद्धि पर भी कठोर कानून लगाना चाहिए।

उपसंहार

ग्लोबल वार्मिंग मानव निर्मित समस्या है अगर ग्लोबल वार्मिंग को रोका न गया तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकता है। इसलिए तकनीकी और आर्थिक आराम से ज्यादा अच्छा प्राकृतिक सुधार जरुरी है। ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए जितने हो सके उतने प्रयत्न जरूर करने चाहिए।

ग्लोबल वार्मिंग पर 10 वाक्य (Global Warming Essay In Hindi 10 Lines)

(1)- ग्लोबल वार्मिंग को सामान्य हिंदी भाषा में “भूमंडलीय ऊष्मीकरण” कहते है।

(2)- ग्लोबल वार्मिंग का सामान्य अर्थ पृथ्वी के तापमान में होने वाली असामान्य वृद्धि है।

(3)- धरती के वायुमंडल और महासागर के तापमान में वृद्धि ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव है।

(4)- भूमंडलीय ऊष्मीकरण के कारणों में मानव द्वारा किये गए कार्य सबसे ऊपर है।

(5)- पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग के खतरे की ग्रीन हाउस के प्रभाव ने और बढ़ाया है।

(6)- बढ़ते औधोगिकरण और उससे फैले प्रदुषण ने ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा दिया है।

(7)- बड़े-बड़े वन छेत्रो का सफाया व पेड़ो की अंधाधुंध कटाई ने भी ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा दिया है।

(8)- सूखा, बाढ़, आंधी, तूफान, व अधिक वर्षा आदि ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव के कारण होते है।

(9)- जंगलो में अचानक से लगने वाली आग ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि के कारण हटी है।

(10)- ग्लोबल वार्मिंग किसी एक देश का नहीं बल्कि वर्तमान में वैशविक खतरा बन चूका है।

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FAQs

ग्लोबल वार्मिंग क्या है nibandh?

ग्लोबल वार्मिंग एक प्रकार की पृथ्वी के तापमान में वृद्धि है जिसका मतलब है कि पृथ्वी का तापमान आमतौर पर होने वाले मानक से अधिक बढ़ रहा है। इसका प्रमुख कारण मानव गतिविधियां हैं, जैसे कि फोसिल ईंधनों के उपयोग, औद्योगिक प्रक्रियाओं का प्रदूषण, और वनस्पतिगत उतार-चढ़ाव के कारण वातावरण में गैसों का विसर्जन। इन गैसों, जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और मेथेन (CH4), के बढ़े आवेग के कारण ग्रीनहाउस प्रभाव उत्पन्न होता है,

ग्लोबल वार्मिंग के 3 मुख्य कारण क्या है?

ग्लोबल वार्मिंग के 3 मुख्य कारण वातावरण में प्रदुषण, ग्रीन हाउस गैसे, जंगलो की निरंतर कटाई ग्लोबल वार्मिंग के मुख्य कारण है।

ग्लोबल वार्मिंग से क्या नुकसान है?

ग्लोबल वार्मिंग से बहुत सारे नुकसान है। इसके कारण समुद्र स्तर में वृद्धि होती है, जिससे बाढ़ों की संख्या और भारी वर्षा की घातकता में वृद्धि होती है। गर्मी के बढ़ने से पूरे जीवन को प्रभावित करता है, जैसे कि पौधों और जानवरों के प्राकृतिक जीवन को क्षति पहुँचती है, कृषि की असामयिकता बढ़ती है, और जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरणीय त्रुटियों की संभावना बढ़ती है। इसके अलावा, ग्लोबल वार्मिंग से जीवन के कई पहलुओं पर प्रभाव पड़ता है, जैसे कि स्वास्थ्य, और आर्थिक सुरक्षा में खतरा होता है। इसलिए ग्लोबल वार्मिंग को संज्ञान में लेते हुए हमें सावधानी से कदम उठाने और इसके समाधान की दिशा में काम करना आवश्यक है।

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