Gandhi Jayanti Speech In Hindi

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Gandhi Jayanti Speech In Hindi
Gandhi Jayanti Speech In Hindi

Gandhi Jayanti Speech In Hindi-  गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाती है और यह दिन महात्मा गांधी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को “अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस” के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन गांधीजी के दार्शनिक और सामाजिक सिद्धांतों को याद करने का एक अवसर है।

दोस्तों इस लेख में आपको Gandhi Jayanti Speech In Hindi में दो शानदार भाषण देखने को मिलेंगे अगर आप शार्ट गांधी जयंती पर भाषण चाहते है तो वो भी है अगर आप एक शानदार लॉन्ग भाषण जिससे पूरा माहौल बन जाये ऐसा भाषण चाहिए तो आप दूसरा वाला जरूर पढ़िए और उसे तैयार कीजिये।

Gandhi Jayanti Speech In Hindi (गांधी जयंती पर भाषण)

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रो, आज गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर मैं आपके सामने अपने कुछ विचार प्रस्तुत करने जा रहा हु। उसमे कुछ गलतिया होंगी तो क्षमा कीजियेगा।

जैसा की आप सभी जानते है की आज हम गाँधी जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए है। इस वर्ष 2 अक्टूबर 2023 को महात्मा गांधी की 154 वी जयंती मनाई जा रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमदास गांधी था आगे चलकर लोगो के बिच वह बापू के नाम से पुकारे जाने लगे।

बापू ने देश को अग्रेजो के चंगुल से आजाद करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के डीएम पर अग्रेजो को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है की पूरा विश्व आज का दिन अंतराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तोर पर भी मनाता है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह 2 अक्टूबर भी राष्ट्रीय पर्व है।

महात्मा गांधी ने लन्दन में कानून की पढ़ाई की थी। लन्दन से बेरिस्टर की डिग्री हासिल कर अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किये। चम्पारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, डांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, खेड़ा आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, नमक मार्च उनके कुछ प्रमुख आंदोलन ने जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नीव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया।

दोस्तों गांधीजी के सपने तो सभी पुरे होंगे जब हम उनके बताये शांति, अहिंसा, सत्य, समानता, महिलाओ के प्रति सम्मान जैसे आदर्शो पर चलेंगे। तो आज के दिन हमे उनके विचारो को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।

धन्यवाद

Gandhi Jayanti Speech In Hindi (गांधी जयंती पर भाषण)

Gandhi Jayanti Speech In Hindi
Gandhi Jayanti Speech In Hindi

मित्रो, आज से 150 साल पहले 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में करमचंद गांधी और पुतलीबाई के घर उनकी सबसे छोटी संतान मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ। उनका बचपन श्रवण कुमार, प्रह्लाद और हरिश्चंद्र की कहानिया सुनने और उनसे मिली सिख की आत्मसात करने में बिता। पढ़ाई-लिखाई और खेल कूद में बेहद साधारण रहे मोहनदास का विवाह मात्र 13 साल की उम्र में उनसे 1 साल बड़ी कस्तूरबा से करा दिया गया।

गांधी जी डॉक्टर बनना चाहते थे पर वैष्णव परिवार में चीरफाड़ की अनुमति नहीं थी, सो उन्हें वकालत की पढ़ाई करने को कहा गया। इसलिए 1888 में कुछ ही महीने पहले पैदा हुए अपने पुत्र हरिलाल और पत्नी कस्तूरबा को छोड़ मोहनदास बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड रवाना हो गए।

4 साल बाद वे पढ़ाई पूरी कर भारत लोटे और कुछ दिनों तक बॉम्बे और राजकोट में प्रेक्टिस की जहा उन्हें अधिक कामयाबी नहीं मिल सकी क्योकि होनी को तो कुछ और ही मंजूर था। सन्न 1893 में दादा अब्दुल्लाह नाम के एक व्यापारी ने उन्हें साऊथ अफ्रीका बुला लिया जहा भारत की तरह ही ब्रिटिश हुकूमत थी। 23 साल की उम्र में साउथ अफ्रीका पहुंचे मोहनदास को वहां कदम-कदम पर भेदभाव का सामना करना पड़ा। सही टिकट होने के बावजूद सिर्फ अलग रंग और नस्ल का होने के कारण उन्हें ट्रैन के प्रथम दर्जे से बाहर फेक दिया गया।

कोई आम इंसान होता तो भाग कर वापस आ जाता लेकिन इस और इस जैसे अनगिनत घटनाओ के बावजूद गाँधी जी 21 साल तक साउथ अफ्रीका में रहे और वहां व्याप्त कई कुरीतियों और अत्याचारों के खिलाफ लड़ते रहे। साउथ अफ्रीका में ही रहकर ही गाँधी जी ने अपने द्वारा स्थापित किये गए फीनिक्स और टॉल्स्टोय फार्म में सत्याग्रह को एक शस्त्र के रूप में विकसित किया।

गांधी जी द्वारा साउथ अफ्रीका में बिताया समय कितना महत्वपूर्ण था ये इस बात से समझा जा सकता है की एक भाषण में उन्होंने कहा था “I Was Born In India But Was Made In South Africa” गोपाल कृष्ण गोखले के निवेदन पर भारत को अंग्रेजी हुकूमत से स्वतंत्र कराने के उद्देस्य से महात्मा गांधी 1915 में भारत लौट आये। भारत आने के बाद गांधी जी ने जो पहला आंदोलन चलाया वह था चम्पारण सत्याग्रह। जिसके अंतर्गत 1917 में उन्होंने बिहार के चम्पारण जिले में किसानो को अग्रेजो द्वारा जबरदस्ती नील की खेती कराये जाने से मुक्ति दिलाई।

इसके बाद इसी साल उन्होंने गुजरात प्रदेश के खेड़ा जिले में बाढ़ और अकाल की स्तिथि होने के बावजूद लगान वसूले जाने का अहिंसक विरोध कर अग्रेजो को समझौता करने पर मजबूर कर दिया। इन सफल आंदोलनों की वजह से गांधी जी की कृति पुरे भारत में फैल गयी और धीरे-धीरे उन्हें गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा महात्मा और नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा राष्ट्रपिता की दी हुई उपाधि भी सर्वव्यापी हो गयी और आम जनमानस उन्हें महात्मा और बापू कह कर पुकारने लगा।

इसके बाद भारतीय मुसलमानो के खिलाफत मूवमेंट को अपना सहयोग प्रदान कर गांधी जी ने मुसलमानो को भी अपने पक्ष में कर लिया और देश में हो रहे हिन्दू-मुस्लिम दंगो पर कुछ सालो के लिए लगाम लग गयी। 1919 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलनों को कुचलने के लिए रोलेट एक्ट लाया गया जिसके अंतर्गत किसी भी भारतीय पर अदालत में बिना मुकदमा चलाये उसे जेल में बंद किया जा सकता था। इसके खिलाफ गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाया और देशवासियो से अंग्रेजी हुकूमत का शांतिपूर्ण विरोध करने के लिए कहा।

इस दौरान देश भर में लोग अंग्रेजी कपड़ो व वस्तुओ को जलाने लगे। 13 अप्रैल 1919 को जब इसी तरह का एक विरोध प्रदर्शन जलियावाला बाग़ में किया जा रहा था तब जनरल डायर ने सैकड़ो लोगो को गोलियों से भुनवा दिया इसके बावजूद गांधी जी अहिंसा के मार्ग पर चलने का सन्देश देते रहे। और धीरे-धीरे पूरा देश इस आंदोलन का हिस्सा बन गया।

अग्रेज परेशान हो उठे और ऐसा प्रतीत होने लगा की जल्द ही भारत को स्वराज मिल जायेगा लेकिन तभी 5 फरवरी 1922 को चोरी-चौरा कांड हो गया जिसमे कई पुलिस वालो को जिन्दा जला दिया गया। हमेशा ये कहने वाले की “मैं मरने के लिए तैयार हु पर ऐसी कोई वजह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हु। को इस घटना ने क्षुब्ध कर दिया और गाँधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया।

इसके बाद गांधी जी कुछ सालो तक जेल में रहे। मार्च 1930 में गांधी जी ने नमक पर टैक्स लगाने का विरोध करते हुए अहमदाबाद से डांडी तक 400 किलोमीटर की यात्रा की और कानून तोड़ने हुए खुद नमक बनाया। इस आंदोलन को आपार जन समर्थन मिला, यहाँ तक की विश्व के कई देशो में मीडिया ने इसे प्रमुखता से उछाला अग्रेज दबाव में थे और गांधी जी को राउंड टेबल कांफ्रेंस के लिए लन्दन बुलाया गया, लेकिन इसका परिणाम भी निराशाजनक रहा।

इसके बाद 1942 में गांधी जी के नेतृत्व में एक बहुत बड़ा आंदोलन “भारत छोड़ो हुआ”। यह एक शक्तिशाली आंदोलन बन गया जिसमे पुलिस की गोलियों से हजारो की संख्या में स्वतंत्रता सेनानी या तो मरे गए या घायल हो गए और हजारो को गिरफ्तार कर लिया गया। यही वो समय था जब गांधी जी ने देशवासियो को एकजुट करते हुए अंतिम स्वतंत्रता के लिए अहिंसावादी संघर्ष जारी रखने को कहा और करो या मरो का नारा दिया इस पर गाँधी जी को 2 साल की जेल हुई लेकिन इस आंदोलन ने पुरे देश को संगठित कर दिया और अंतत सैकड़ो सालो की गुलामी और असंख्य बलिदानो के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया।

मित्रो ये विडम्बना ही कही जाएगी की दुनिया भर को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी का अंत हिंसा द्वारा किया गया। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मरकर उनकी हत्या कर दी गयी।

लेकिन क्या गाँधी जी उन गोलियों से मर गए? नहीं दोस्तों गांधी जी आज भी जिन्दा है क्योकि गांधी सत्य का ही एक रूप है और सत्य शाश्वत होता है वह कभी नहीं मरता, कभी नहीं।

मित्रो अंत में मैं बस इतना कहना चाहूंगा की गलत है वो लोग जो कहते है मज़बूरी का नाम महात्मा गांधी क्योकि मज़बूरी का नहीं मजबूती का नाम है महात्मा गांधी।

धन्यवाद

जय हिंद, जय भारत

गांधी जयंती पर 10 लाइन (gandhi jayanti speech in hindi 10 lines)

Gandhi Jayanti Speech In Hindi
Gandhi Jayanti Speech In Hindi

(1)- महात्मा गांधी हमारे देश के एक महान नेता थे।

(2)- महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ था।

(3)- उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गांधी जी का विवाह 15 वर्ष की आयु में कस्तूरबा गांधी जी से हुआ था।

(4)- गांधी जी ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ लन्दन से कानून की पढ़ाई पूरी की है।

(5)- महात्मा गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था।

(6)- महात्मा गांधी को बापू और राष्ट्रपिता के नाम से भी जाना जाता है।

(7)- गांधी जी ने अग्रेजो से भारत को आजादी दिलाने के लिए असहयोग आंदोलन, और सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई आंदोलन चलाये।

(8)- 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधी जी ने गोली मार उनकी हत्या कर दी थी।

(9)- महात्मा गांधी जी की समाधि दिल्ली के राजघाट में स्तिथ है।

(10)- महात्मा गाँधी के भारत छोड़ो आंदोलन के कारण अग्रेजो को भारत छोड़ कर जाना पड़ा। इस आंदोलन में गांधी जी ने “करो या मरो” का नारा दिया। इस आंदोलन के कारण ही देश में आजादी की नीव पड़ी।

गांधी जयंती पर शायरी

धोती वाले बापू की, यह ऐसी
एक लड़ाई थी न गोले बरसाए
उन्होंने न बन्दुक चलायी थी
सत्य अहिंसा के बल पर ही
दुश्मन को धूल चटाई थी।

अग्रेजो के सामने झुके नहीं
खुद से उनको ये आस था
शरीर में ताकत नहीं थी
पर मन में आजादी का विश्वाश था।

गांधी जयंती पर कविता

सच्चाई की राहो पर चलकर,
ज्ञान का डीप जलाया था।
सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाकर
देश को आजाद कराया था।

जाति धर्म का भेदभाव भूलाकर,
सबको गले से लगाया था।
प्रेम भाव से रहने का सन्देश
बापू ने फैलाया था।

लक्ष्य हमेशा ऊंचे रखो,
सत्य की राहो पर चले चलो
मंजिल तुमको मिल जाएगी,
हर बाधाओं से लड़े चलो।

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FAQs

गांधी जयंती कब मनाई जाती है?

गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाती है।

महात्मा गांधी का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत क्या था?

महात्मा गांधी का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत था ‘अहिंसा’ (अत्यंत असहिष्णुता)।

गांधीजी को ‘राष्ट्रपिता’ क्यों कहा जाता है?

उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण योगदान किया।

गांधी जयंती को कैसे मनाया जा सकता है?

गांधी जयंती को समारोहों, विचार-विमर्श, और सेवा कार्यों के माध्यम से मनाया जा सकता है।

महात्मा गांधी का संदेश क्या था?

महात्मा गांधी का संदेश था कि हमें अहिंसा, सत्य, और समर्पण के माध्यम से समाज में सुधार करना है।

उम्मीद है दोस्तों मेरे द्वारा लिखा गया यह पोस्ट gandhi jayanti speech in hindi आपको पसंद आयी होगी अगर पसंद आयी है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा और अगर आपके मन में कोई भी सवाल हो तो कमेंट में जरूर पूछियेगा। लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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