Baal Mazdoori Essay In Hindi

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Baal Mazdoori Essay In Hindi- बचपन, हर किसी के जीवन का सबसे अच्छा समय होता है। यह वो समय होता है जब हर छोटे बच्चे के चेहरे पर हँसी होती है, जब वो अपने सपनों की दुनिया में खो जाते हैं। लेकिन दुखद बात है कि आज भी हमारे समाज में कई बच्चे बाल मजदूरी के बोझ के तले दबे हैं। इस निबंध में, हम Baal Mazdoori Essay In Hindi के इस प्राचीन समस्या पर विचार करेंगे और इसके समाधान के बारे में सोचेंगे।

Baal Mazdoori Essay In Hindi

Baal Mazdoori Essay In Hindi (बाल मजदूरी पर निबंध 1000 words)

प्रस्तावना

बाल मज़दूरी एक बच्चे के बचपन के सबसे भयावह दिन होते है। हमारे देश का दुर्भाग्य है की आज भी मकड़ी के जाल की तरह बाल श्रम छोटे-छोटे बच्चो को अपने जाल में जकड़ता जा रहा है और है सब हाथ पर हाथ धरे हुए है। बाल श्रम एक ऐसा जहर है जोकि चाँद रुपयों के लिए बेच दिया जाता है यह जहर धीरे-धीरे बच्चे के बचपन को तबाह कर देता है इसके साथ ही देश का नव निर्माण करने वाला भविष्य भी ख़त्म हो जाता है।

हमारे भारत में बच्चो को भगवान् स्वररूप माना जाता है लेकिन उन्ही से उनका बचपन छीन लिया जाता है और हाथो में परिवार की जिम्मेदारियां थमा दी जाती है। सभी बच्चो का मन बचपन में खिलोने से खेलने और शिक्षा प्राप्त करने का होता है लेकिन क्या करे साहब कही लालच तो कही परिवार की जिम्मेदारियां सामने आ जाती है।

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बाल श्रम क्या है?

भारत के सविधान 1950 के 24 वे अनुच्छेद के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चो से मजदूरी, कारखानों, होटलो, ढाबो, घरेलु नौकर इत्यादि के रूप में कार्य करवाना बाल श्रम के अंतर्गत आता है अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है तो उसके लिए उचित दंड का प्रावधान है।

लेकिन किताबी दुनिया से बाहर आकर देखे तो हमें हर दूकान हर मोड़ पर बाल मजदूरी करते हुए बच्चे देखने को मिलते है। हकीकत तो यह है की लोग कानून की परवाह ही नहीं करते है यदि कारण दिन प्रदीन बाल श्रम बढ़ता ही जा रहा है।

2017 की तजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में 35 मिलियन से भी ज्यादा बच्चे बाल मज़दूरी करते है सबसे ज्यादा उत्तर-प्रदेश, बिहार, राजस्थान में बाल मजदूरी होती है।

बाल श्रम के कारण

(1)- शिक्षा की कमी- बाल मज़दूरी का सबसे मुख्या कारन शिक्षा की कमी होना ही है। क्योकि जब तक लोग पढ़े लिखे हुए नहीं होंगे तब तक वो वही मानते रहेंगे की पैसो से बढ़कर कुछ नहीं होता है इसीलिए वे लोग अपने बच्चो को बचपन से ही मज़दूरी के काम में लगा देते है।

(2)- गरीबी- हमारे देश के लिए गरीबी एक बहुत बड़ी समस्या है जिसके कारण बहुत साड़ी समस्याएं उत्पन्न होती है बाल श्रम भी गरीबी के कारण ही उत्पन्न हुई एक समस्या है क्योकि गरीब परिवार के लोग अपने परिवार का सही-सही भरण पोषण नहीं कर पाते है इसलिए वे अपने बच्चो को भी मजदूरी के काम में झोक देते है।

(3)- अनाथ बच्चे- हमारे देश में आज भी कई लोग अपने बच्चो को या तो छोड़ देते है या फिर उनके माता पिता की मृत्यु हो जाती है जिसके कारण वो अनाथ हो जाते है और वह ऐसे लोगो के संपर्क में आ जाते है जो की उन्हें खाने का लालच देकर पुरे दिन भर उनसे कारखानों, होटलो, ढाबो पर कार्य करवाते है और उनकी कमाई भी खुद रख लेते है।

(4)- लालची लोग- आज 21 वी सदी के भारत में कुछ माता-पिता और अभिभावक पैसो के लिए इतने लालची होते है की वे पैसो के लिए अपने बच्चो को भी मजदूरी के कार्य में लगा देते है।

(5)- पारिवारिक मजबूरिया- कई बार बच्चो की पारिवारिक मजबूरिया भी होती है क्योकि कुछ ऐसी दुर्घटनाये हो जाती है जिसके कारण उनके परिवार में कमाने वाला कोई नहीं रहता है इसलिए उन्हें मज़बूरी वश बचपन में ही होटलो, ढाबो, चाय की दुकान, कल कारखानों में मजदूरी करने के लिए जाना पड़ता है।

(6)- जनसँख्या वृद्धि- भारत में जनसंख्या वृद्धि दर बहुत तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण जरुरत की वस्तुओ का मूल्य दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण गरीब लोग अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाते है इसलिए वे अपने परिवार के सभी सदस्यों को मजदूरी करने दे देते है जिसमे बच्चे भी शामिल होते है इसलिए न चाहते हुए भी बच्चो को परिश्रम करना पड़ता है।

(7)- भ्रष्टाचार- बाल मजदूरी का एक कारण भ्रष्टाचार भी है तभी तो बड़े बड़े होटलो ढाबो और कारखानों पर उनके मालिक बिना किसी भय के बच्चो को मजदूरी पर रख देते है उन्हें पता होता है की अगर पकड़े भी गए तो हम घुस देकर छूट जायेंगे इसीलिए भ्रष्टाचार बाल मजदूरी में एक अहम भूमिका निभाता है।

(8)- बेरोजगारी- भारत में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है जिसके कारण कई गरीब लोग अपने परिवार की जीवन जीने योग्य जरूरते भी पूरी नहीं कर पाते है मजबूरन वे अपने बच्चो को मजदूरी के काम में लगा देते है वे सोचते है की अगर थोड़ा बहुत भी पैसा घर में आता है तो वह दो वक्त का भोजन कर पाएंगे।

(9)- उचित नियम कानून का न होना- भारत सरकार ने बाल मजदूरी को रोकने के लिए कानून तो बनाये है लेकिन उन कानूनों में काफी खामिया है इसका फायदा उठाकर लोग बाल श्रम को अंजाम देते है और कई बार तो कानून का नियम पूर्वक पालन भी नहीं किया जाता है।

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Baal Mazdoori Essay In Hindi

बाल श्रम के दुष्परिणाम

(1)- बचपन बर्बाद होना- जीवन का सबसे अच्छा पल बचपन ही होता है जब हम बच्चे होते है तो हमें किसी भी बात की चिंता नहीं रहती है हम खिलोने से खेलते है और सभी लोग हमें प्यार करते है साथ ही हम जो चाहते पढ़ सकते है। लेकिन जिन बच्चो को बाल मजदूरी के काम में लगा दिया जाता है वह कभी भी खेल नहीं पाते है और अपना मनचाहा काम नहीं कर पाते है। जिसके कारण उनका पूरा बचपन मजदूरी काम करने में बीत जाता है।

(2)- कुपोषण- बाल मजदूरी करने वाले बच्चे अक्षर कुपोषण का शिकार हो जाते है क्योकि उनके मालिक उनसे काम तो ज्यादा करवाते है लेकिन उन्हें खाने को कुछ भी नहीं देते है जिसके कारण उनके शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है और वे धीरे-धीरे कुपोषण के शिकार हो जाते है।

(3)- शारीरिक शोषण- बाल मजदूरी करते समय कई बच्चे और बच्चियों का शारीरिक शोषण भी किया जाता है जोकि उनके ऊपर दोहरी मार है एक रिपोर्ट के अनुसार बाल मजदूरी करने वाले बच्चो में से लगभग 40% बच्चो का शारीरिक शोषण किया जाता है यह बहुत ही गंभीर बात है लेकिन इस पर कभी भी ध्यान नहीं दिया जाता है शारीरिक शोषण के समय कुछ बच्चो की मृत्यु भी हो जाती है।

(4)- मानसिक प्रताड़ना- मजदूरी करते समय बच्चो से अक्षर गलतिया होती रहती है गलतिया तो बड़े लोगो से भी होती है लेकिन बच्चो को डाट लगाना आसान होता है इसलिए उन से काम करने वाले उनके मालिक उन्हें मानसिक प्रताड़ना देते है। उन्हें तरह-तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग करके बुलाया जाता है जो की एक छोटे से बच्चे के मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डालती है। इसी के कारण काफ़िजाल्दी बड़े हो जाते है और बड़े होने पर गलत कार्यो में लिप्त हो जाते है।

(5)- गरीबी बढ़ना- बच्चो के माता पिता बचपन में तो कुछ रुपयों के लिए अपने बच्चो को मजदूरी पर लगा देते है लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है की अगर वे पड़ेंगे लिखेंगे नहीं तो उन्हें नौकरी नहीं मिल पाएगी और उन्हें पूरी जिंदगी भर मजदूरी करनी पड़ेगी जिसके कारण उनका पूरा जीवन गरीबी में बीतेगा इसीलिए भारत में दिन प्रतिदिन गरीबी ही बढ़ती जा रही है।

(6)- देश के आर्थिक विकास में कमी- ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे पद लिख नहीं पाते है इसी कारण वे अच्छी नौकरी नहीं कर पाते है और देश के विकास में सहयोग नहीं कर पाते है इसलिए देश का आर्थिक विकास भी धीमा पड़ जाता है।

(7)- सामाजिक विकास में कमी- जहां पर बच्चो से मजदूरी कराई जाती है वहां के लोग अभद्र भाषा का प्रयोग करते है साथ ही उनका रहन-सहन भी अच्छा नहीं होता है जिसके कारण बच्चे भी उन्ही के साथ रहने के कारण उनकी भाषा और उन्ही के जैसा रहन-सहन करने लग जाते है और उनकी मानसिक स्तिथि भी कमजोर हो जाती है जिसके कारण एक अच्छे समाज का विसक नहीं हो पाता है।

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बालश्रम रोकथाम के उपाय

(1)- जागरूकता- बालश्रम को अगर रोकना है तो हमे लोगो को जागरूक करना होगा क्योकि जब तक लोगो में वह जागरूकता नहीं आएगी बच्चो से मजदूरी नहीं करवानी चाहिए और जो भी बच्चे मजदूरी कर रहे है उनके मालिकों के खिलाफ शिकायत करनी चाहिए लोगो को पता ही नहीं होता है की वे जिस छोटू-मोटू को प्यार से बुला रहे है। वह असल में बाल मजदूरी का शिकार है। इसीलिए जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक ऐसे ही बच्चे मजदूरी करते रहेंगे।

(2)- उचित शिक्षा व्यवस्था- हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था आज भी सुधरी नहीं है जिसके कारण ग्रामीण इलाको और बिछड़े हुए इलाको के बच्चे आज भी पड़ लिख नहीं पाते है जिसके कारण वह बचपन में ही बाल मजदूरी का शिकार हो जाते है इसलिए हमें उचित शिक्षा व्यवस्था सभी स्थानों पर उपलब्ध करवानी होगी और छोटे बच्चो के लिए फ्री शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी।

(3)- उचित कानून व्यवस्था- हमारे देश की कानून व्यवस्था अच्छी नहीं होने के कारण लोग इसका फायदा उठाते है और बाल श्रम जैसे कृत्यों को अंजाम देते है। हमें हमारी कानून व्यवस्था को सृदुर बनाना होगा तभी जाकर हम बाल श्रम जैसे भयंकर परेशानियों से निपट पाएंगे।

(4)- भ्रस्टाचार पर लगाम- भ्रस्टाचार के कारण बाल श्रम करवाने वाले अपराधी आसानी से छूट जाते है या फिर उन्हें गिरफ्तार ही नहीं किया जाता है जिसके कारण छोटे बच्चो को मजदूरी करनी पड़ती है इसलिए हमें भ्रस्टाचार पर लगाम लगानी चाहिए।

(5)- अच्छे और उदार व्यक्तियों की आवश्यकता- हमारे समाज में बहुत से अच्छे व्यक्ति है लेकिन हमें और अच्छे व्यक्तियों की आवश्यकता है जो की कम से कम एक गरीब बच्चे की पढ़ाई का पूरा खर्चा उठा सके क्योकि जब तक हम हमारे समाज की जिम्मेदारी नहीं लेंगे तब तक कुछ नहीं हो सकता क्योकि अकेली सरकार सब कुछ नहीं कर सकते है इसलिए हमे आगे बढ़कर गरीब बच्चो की पढ़ाई लिखाई में मदद करनी चाहिए।

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बाल श्रम को रोकने के लिए सरकार द्वारा किये गए कार्य कौन-कौन से है?

(1)- The Child Labour (Prohibition and Regulation) Act 1986- बाल श्रम को जड़ से खत्म करने के लिए हमारी सरकार द्वारा 1986 में चाइल्ड लेबर एक्ट बना गया है जिसके तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से कार्य करवाना दंडनीय अपराध मन जायेगा।

(2)- The Juvenile Justice (Care and Protection Of Children Act Of 2000)- इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति बच्चो से मजदूरी करवाता है या फिर उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करता है तो उस पर दंडनीय कारवाही की जाएगी।

(3)- The Right Of Children To Free and Compulsory Education Act 2009- यह कानून वर्ष 2009 में बनाया गया था जिसके अंतर्गत 6 से 14 बर्ष की आयु के बच्चो को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी साथ ही प्राइवेट स्कूलों में भी गरीब और विकलांग बच्चो के लिए 25% सींटे आरक्षित होंगी।

उपसंहार

बाल मजदूरी हमारे भारत देश और हमारे समाज के लिए एक अभिशाप बन चूका है अगर जल्द ही इसे ख़त्म नहीं किया गया तो यह हमारे देश की तरक्की में भड़क होगा साथ ही जिन बच्चो को बचपन में हंसना खेलना और पढ़ाई करना चाहिए वह बच्चे हमे अधिक मात्रा में कठिन परिश्रम करते हुए मिलेंगे जिससे हमारा देश का भविष्य खराब हो जायेगा।

इसीलिए हमे आज ही बाल श्रम के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और जहां पर भी कोई बच्चा हमे बाल मजदूरी करते हुए मिले उसकी शिकायत हमें नजदीकी पुलिस स्टेशन में करनी चाहिए।

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FAQs

बाल मजदूरी से आप क्या समझते है?

किसी भी छेत्र में बच्चो द्वारा किये जाने वाले श्रम का काम को बाल-मजदूरी या बाल-श्रम कहते है।

बाल मजदूरी पर निबंध कैसे लिखे?

बाल मजदूरी पर निबंध लिखने के लिए आप बाल मजदूरी का वर्त्तमान में हाल और बाल मजदूरी का इतिहास के बारे में लिख सकते है बाल मजदूरी पर निबंध कैसे लिखे हमारे इस पोस्ट को पढ़े।

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