दोस्तों इस लेख में हमने आपके लिए Satta Ki Sajhedari (सत्ता की साझेदारी पाठ के प्रश्न उत्तर) लिखे हुए है। आप इस लेख को अंत तक पढ़े आपको Satta Ki Sajhedari सत्ता की साझेदारी पाठ के सभी प्रश्न उत्तर का हल मिल जायेगा।
Satta Ki Sajhedari Question Answer In Hindi
श्रीलंका में कौन – कौन से दो भाषायी समूहों में सघर्ष है?
श्रीलंका में तमिल भाषी तथा सिंहली भाषी समूहों में सघर्ष हैं।
श्रीलंका में पाए जानेवाले प्रमुख धर्म कौन -कौन से है?
श्रीलंका में पाए जाने वाले प्रमुख धर्म निम्नलिखित है-
- बौद्ध धर्म
- हिन्दू धर्म
- इस्लाम धर्म
- ईसाई धर्म
बेल्जियम में भाषायी आधार पर कितने समूह है?
बेल्जियम में भाषायी आधार पर, तीन समूह → डच, फ्रांसीसी तथा जर्मन है।
संघात्मक सरकार में शक्तियों का विभाजन मिलने स्तरों पर होता है?
संघात्मक सरकार में शक्तियों का विभाजन → केन्द्र तथा राज्य स्तर पर होता है।
लोकतंत्र को परिभाषित कीजिए?
लोकतंत्र जनता का जनता के लिए तथा जनता के द्वारा किये जाने वाला शासन है।
शक्तियों की विभाजन की कौन सी तीन सूचि होती है?
शक्तियों की विभाजन की तीन सूचियाँ संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची होती है।
सरकार के कौन-कौन से अंग होते है?
सरकार के तीन अंग होते है- कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका।
बहुसंख्यकवाद से क्या आशय है?
बहुसंख्यकवाद- यह मान्यता है की अगर कोई समुदाय बहुसंख्यक है तो वह मनचाहे ढंग से देश पर शासन कर सकता है और इसके लिए वह अल्पसंख्यक समुदाय की आवश्यकताओं या इछाओ की अहवेलना कर सकता है।
वैध सरकार का अर्थ बताईये?
जनता द्वारा चुनी हुई बहुमत वाली सरकार वैध सरकार कहलाती है।
Satta Ki Sajhedari Notes In Hindi
महत्वपूर्ण लोकतान्त्रिक सिधान्तो की विवेचना कीजिये?
महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक सिद्धांतो की विवेचना निम्नलिखित हैं-
(1)- कानून सर्वपरि होता है यह कानून के शासन में विश्वास करता है।
(2)- कानून निर्माताओं तथा निर्णयकर्ताओं की जनता प्रति जबावदेही होती है, यह उत्तरदायी शासन का समर्थन करता है।
(3)- सभी व्यक्तियों को न्यायपालिका तथा राष्ट्र के संविधान के प्रति आस्था तथा विश्वास को बनाए रखना चाहिए।
(4)- स्वतन्त्रता, समानता, बन्धुत्व तथा सामाजिक न्याय की धारणाए लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा है।
(5)- लोकतंत्र धर्मनिरपेक्षता जनकल्याणकारी नीतियों तथा कार्यक्रमों पर विशेष बल देता है।
लोकतंत्र में दबाव अथवा हित समूहों द्वारा कौन-कौन से कार्य किए जाते हैं, संक्षेप में वर्णन दीजिए?
लोकतंत्र में दबाव अथवा हित समूहों द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं-
(1)- दबाव समूह अपने हितों के पक्ष में व्यापक प्रचार करके जनमत का निर्माण करते हैं इसके लिए वे जन- संचार के साधनो का सहारा लेते है।
(2)- जनमत को अपने पक्ष में करने के लिए दबाव समूह- समाचार पत्रों पर नियंत्रण करके उनके माध्यम से अपने हितो का प्रचार करते हैं।
(3)- अपनी माँगो को मनवाने के लिए ये समूह सरकार पर दबाव डालते है। तथा इस सम्बंध में हड़तालों तथा प्रदर्शनों का आयोजन भी करते है।
(4)- निर्वाचन, के समय राजनितिक दलों का समर्थन करते है, जब उनके द्वारा समर्थित उम्मीदवार चुनाव में विजयी होते है तो अपने हितो में कानून बनवाने के लिए दबाव समूह, उन पर नैतिक तथा अनैतिक रूप से जोर डालते है।
लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएँ क्या है?
लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएँ निम्न है –
(1)- प्रतिनिधित्व का आधार लैकिक है- लोकतंत्र में जनता का प्रतिनिधित्व होता है, इसमें प्रतिनिधित्व का आधार दैविध न होना लैकिक होता है।
(2)- सार्वजनिक हितों का संरक्षण- शासन की अन्य प्रणालियों की अपेक्षा लोकतंत्र जनता के सार्वजनिक हितों का संरक्षण करता है।
(3)- उत्तरदायित्व की भावना- लोकतंत्र में सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी होती है सरकार को जनता के हितों की सुरक्षा और उनकी उन्नति अपने कर्त्तव्य का पालन आवश्यक रूप से करना चाहिए।
(4)- लिखित संविधान- लोकतंत्र की एक विशेषता यह है कि राज्य का सविधान लिखित होना चाहिए।
(5)- वयस्क अथवा सार्वभौमिक मताधिकार- वयस्क मताधिकार का अभिप्राय यह है कि राज्य में सभी व्यक्तियों को एक निश्चित आयु प्राप्त होने पर स्वतः ही मत देने का अधिकार प्राप्त हो जाता है।
Satta Ki Sajhedari Notes In Hindi
श्रीलंका में गृहयुद्ध व अशान्ति का विकास यो हुआ स्पष्ट कीजिए?
श्रीलंका में गृहयुद्ध व अशान्ति- सन्न 1948 में श्रीलंका स्वतन्त्र राष्ट्र बना सिहंली समुदाय के नेताओं ने अपनी बहुसंख्या के बल पर शासन पर प्रभुत्व जमाना चाहा सन् 1956 में एक कानून बनाया गया जिसके अन्तर्गत तमिल को अपेक्षा करके सिंहली को एक मात्र राजभाषा घोषित कर दिया गया नए संविधान में यह प्रावधान भी किया गया कि सरकार बौद्ध मत को संरक्षण और बढ़ावा देगी।
एक-एक करके आये इन सरकारी निर्णयों ने श्रीलंकाई तमिलों की नाराजगी और शासन को लेकर उनमें बेगापन बढ़ाया उन्हें लगा कि सविधान और सरकार की नीतिया उन्हें समान राजनीतिक अधिकारियों से वंचित कर रही है नौकरियों और लाभ के अन्य कामो में उनके साथ भेदभाव हो रहा है और उनके हितों की अनदेखी की जा रही है 1980 के दशक तक उत्तर पूर्वी श्रीलंका में स्वतंत्र तमिल, इलम सरकार बनाने को माँग को लेकर अनेक राजनितिक संगठन बनाये।
श्रीलंका मे समुदायों के बीच पारस्परिक अविश्वास ने बड़े टकराव का रूप धारण किया यह टकराव गृहगुद्ध में बदल गया लिट्टे नेता प्रभाकरण की मृत्यु के बाद श्रीलंका को तमिल समस्या शितिल पड़ गई और गृहयुद्ध समाप्त हो गया।
सत्ता की साझेदारी जनमत की आत्मा है, बेल्जियम तथा श्रीलंका का उदाहरण देकर विवेचना कीजिये?
अथवा
आधुनिक लोकतंत्र में सत्ता में भागीदारी के विभिन्न रूपो का उल्लेख कीजिए?
आधुनिक व्यवस्था में सत्ता की साझेदारी आधुनिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी निम्न है।
(1)- शासन के तीनो अंगो द्वारा सत्ता की साझेदारी- कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका शासन के इन तीनों अंगो में सत्ता की साझेदारी होती है इन तीनो अंगो के अपने-अपने अधिकार तथा उत्तरदायित्व है कार्यो एवं सत्ता के विभाजन से लोकतंत्र का सफल संचालन संभव हो जाता है।
(2)- जाति अथवा भाषाई समूहों में सत्ता की साझेदारी- लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता की साझेदारी में जाति अथवा भाषाई समूह की महत्वपूर्ण भूमिका देती है उदाहरण के लिए – बेल्जियम में नेता बाग शासन की सत्ता को विभिन्न तीन भाषाई समूहों विभाजित करते है किन्तु श्रीलंका ऐसा न कर सका वहाँ तमिलों को अनेक संकटो का सामना करना पड़ा सिहंली समुदाय तमिलों की सत्ता मे साझेदार बनने के पक्ष में नहीं हैं।
(3)- जनसख्या में सत्ता की साझेदारी- सामान्य जनतां अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन की गतिविधि में भाग लेता है परन्तु स्विजरलेण्ड जैसे अनेक राष्ट्रों में जनमत संग्रह लोक निर्णय जैसी प्रक्रियाओं को आकार प्रत्यक्ष रूप से भी शासन सत्ता में अपनी साझेदारी सुनिश्चित करती है।
(4)- विभिन्न राजनैतिक दलों दबाव अथवा हित समूहो में सत्ता की साझेदारी- सरकार के निर्माण ने राजनितिक दलों तथा दबाव समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिससे लोक कलयाणकारी कार्यो में वृद्धि हो सके लोकतंत्र में जहाँ सत्ताधारी दल की विशिष्त स्थिति व भूमिका होती है वहाँ विरोधी दल भी सत्ता में भागीदारी के विभिन्न अवसर प्रदान किए जाते है जब एक दल को स्पष्ठ बहुमत नहीं मिलता तब वह मिलीजुली (गठबंधन) सरकार का निर्माण करता है दबाव अथवा हित समूहों द्वारा आन्दोलनों प्रदर्शनो, सत्याग्रह तथा हड़तालों द्वारा अनेक हितो की पूर्ति की जाती है, ये अपने मांगो को मनवाने के लिए शासन पर निरन्तर दबाव बनाए रखते हैं।
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MCQs
(1)- बहुसंख्यकवाद के सिद्धांत के कारण किस देश में गृह युद्ध हुआ?
- श्रीलंका में
- युगोस्लाविया में
- बेल्जियम में
- लेबनान में
उत्तर- (1), श्रीलंका में
(2)- बेल्जियम की सीमा किन किन देशो से लगती है?
- फ्रांस
- नीदरलैंड
- जर्मनी और लक्जमबर्ग
- उपरोक्त सभी
उत्तर- (4), उपरोक्त सभी
(3)- बेल्जियम में निम्नलिखित में से किस प्रकार की शासन प्रणाली है?
- एकात्मक
- संघात्मक
- तानाशाही
- उपयुक्त में से कोई नहीं
उत्तर- (2), संघात्मक
(4)- सामुदायिक सरकार की व्यवस्था किस देश में है?
- लेबनान में
- श्रीलंका में
- बेल्जियम में
- यगोस्लाविया में
उत्तर- (3), बेल्जियम में
(5)- श्रीलंका में कैसी शासन व्यवस्था है?
- संघात्मक
- एकात्मक
- अर्ध संघात्मक
- अर्ध एकात्मक
उत्तर- (2), एकात्मक
(6)- श्रीलंका एक द्वितीय देश है जो तमिलनाडु के_______ तट से कुछ किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है।
- दक्षिणी
- पूर्वी
- उत्तरी
- पश्चिमी
उत्तर- (1), दक्षिणी
(7)- सत्ता की साझेदारी क्यों जरुरी है?
- सामुदायिक भागीदारी के लिए
- सत्ता के बटवारे के लिए
- शाखा को अलग करने का
- टकराव को रोकने के लिए
उत्तर- (4), टकराव को रोकने के लिए
(8)- 1970 से 1993 के बीच बेल्जियम के सविंधान के कितने संसोधन किये गए?
- तीन
- चार
- सात
- दस
उत्तर- (2), चार
(9)- यदि विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बटवारा रहता है तो इसे सत्ता का _____ वितरण कहते है?
- क्षैतिज वितरण
- ऊध्वार्धर वितरण
- दबाव समूह
- इनमे से कोई नहीं
उत्तर- (1), क्षैतिज वितरण
(10)- यदि सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच सत्ता का बटवारा हो जैसे केंद्र सरकार, प्रांतीय सरकार, स्थानीय सरकार तो उसे ____ कहेंगे?
- क्षैतिज वितरण
- ऊध्वार्धर वितरण
- दबाव समूह वितरण
- उपरोक्त सभी
उत्तर- (2), ऊध्वार्धर वितरण
FAQs
सत्ता की साझेदारी कक्षा 10 में कितने देशों के बारे में बताया गया है?
सत्ता की साझेदारी कक्षा 10 में 2 देशों के बारे में बताया गया है।
सत्ता की साझेदारी से आप क्या समझते है?
किसी देश के शासन व्यवस्था में जब उस देश के अंदर रहने वाले सभी वर्ग के लोगो को शामिल या हिस्सेदार बनाया जाता है तो इसे ही सत्ता की साझेदारी कहा जाता है।
श्रीलंका में कितने प्रकार के धर्म है?
श्रीलंका में चार प्रकार के धर्म है- बौद्ध धर्म, हिन्दू धर्म, इस्लाम धर्म, ईसाई धर्म।