Science Day Speech In Hindi | राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण

Science Day Speech In Hindi- विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि भारत के महान वैज्ञानिक सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 28 फरवरी 1888 को हुआ था। वे भारतीय गणराज्य के पहले राष्ट्रपति रहे हैं और वैज्ञानिक सोच के प्रोत्साहक रहे हैं।

दोस्तों इस लेख में मैं आपको Science Day Speech In Hindi में एक बढ़िया सा भाषण उपलब्ध करने वाला हु तो इस लेख में अंत तक बने रहिएगा।

Science Day Speech In Hindi

Science Day Speech In Hindi (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण)

सभी उपस्थित आदरणीय महानुभावों, प्रिंसिपल सर, मैडम एवं मेरे वरिष्ठ साथियों एवं प्रिय दोस्तों आप सभी का राष्ट्रिय विज्ञान दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक अभिनंदन एवं सुप्रभात। मेरा नाम रमेश है और मैं कक्षा दसवीं में अध्ययन करता हूं। मैं आज राष्ट्रिय विज्ञान दिवस के इस शुभअवसर पर विज्ञान विषय पर भाषण प्रस्तुत करना चाहता हूं। मैं अपने कक्षा अध्यापक का बहुत आभारी हूँ जो उन्होंने मुझे इस अवसर पर भाषण प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया।

पिछले कुछ वर्षों में विज्ञान के क्षेत्र में युगान्तकारी परिवर्तन आये हैं। विश्व में सूचना और प्रौद्योगिकी क्रांति चल रही है। इसके कारण सूचना युग का पदार्पण हो चुका है। अमरीका और जापान जैसे विकासशील देश पहले ही औद्योगिक समाज से सूचना समाज में परिवर्तित हो चुके हैं।

आखिर ऐसा तो होना ही था क्योंकि मानव सभ्यता ने पिछले पचास सालों में जितना वैज्ञानिक ज्ञान प्राप्त किया है वह मानव सभ्यता के संपूर्ण इतिहास का नब्बे प्रतिशत बैठता है। इस ज्ञान में सबसे ज्यादा हिस्सा सूचना प्रौद्योगिकी का है। सूचना प्रौद्योगिकी के कारण दूरसंचार उपग्रह और कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में काफी तेजी से प्रगति हुई है।

इंटरनेट एक सुपर हाइवे के रूप में सामने आया है। इंटरनेट दूरसंचार और उपग्रह प्रौद्योगिकी के मदद से लाखों कम्प्यूटरों का एक ऐसा सूचना तंत्र है जिसमें पूरे के पूरे पुस्तकालय और रेडियो, टेलीविजन चैनल, समाचार पत्र-पत्रिकाओं के अलावा कई अन्य तरह की जानकारियां उपलब्ध हैं। इंटरनेट की मदद से हम इंग्लैंड की बड़ेबड़े पुस्तकालयों से जानकारियां हासिल कर सकते हैं। संचार प्रौद्योगिकी और इसके विकास के बाद सूचना क्रांति ने मानव जीवन के हर क्षेत्र कुछ न कुछ परिवर्तन अवश्य किया है।

सांस्कृतिक क्षेत्र में सूचना क्रांति ने अनेक नई तरह की प्रक्रियाओं को जन्म दिया है। पहले जहां सूचनाओं और जानकारियों को इकट्ठा करने के लिए एक बड़ा तंत्र तैयार करना पड़ता था। वहीं आज सूचना क्रांति के कारण कहीं अधिक सूचनाएं एक छटी सी चिट में सुरक्षित रखी जा सकती है और कम्प्यूटर की मदद से इन सूचनाओं में से पल भर में ही मन चाही सूचनाओं को प्राप्त किया जा सकता है।

सूचना प्रौद्योगिकी के कारण ही अब हम पल भर में ही दुनिया के किसी भी कोने की खबर प्राप्त कर सकते हैं। निःसंदेह सूचना क्रांति मानव सभ्यता की सबसे बड़ी महत्वपूर्ण क्रांति है। विकासशील देशों में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्बन्धों में साम्राज्यवाद के बचे खुचे अवशेषों को खत्म करने के लिए एक नयी अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था की मांग की थी।

इस मांग के मूल में अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धों का ढांचा अन्यायपूर्ण होना था। सूचना क्रांति ने परिवर्तन की इन दिशाओं को दरकिनार कर ऐसी अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था बनाई जो विकासशील देशों की अवधारणा को नकारती है। इस क्रांति के बदौलत विकसित देश विश्व में एक ऐसी सूचना और संचार व्यवस्था बनाने में सफल रहे जो विकासशील देशों की अवधारणा के प्रतिरूप ही नहीं है बल्कि जिसने एक तरफा मुक्त प्रभाव और भी तेज कर दिया है और आर्थिक उपनिवेशवाद के साथ-साथ सूचना और सांस्कृतिक उपनिवेशवाद को भी जन्म दिया है।

दरअसल मुक्त एकतरफा बनाम संतुलित प्रवाह की बहस के पीछे जो अवधारणाएं हैं वही सूचना युग की सबसे बड़ी ताकत है। सूचना क्रांति का वर्तमान स्वरूप इसलिए विकसित हुआ क्योंकि यह कारखानों में पैदा नहीं होती बल्कि इसकी जन्म भूमि विश्व की सबसे सम्पन्न भूमि थी। इस पर उसी अंतर्राष्ट्रीय बहुराष्ट्रीय सत्ता का नियंत्रण था जो विश्व में अन्यायपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और सूचना व्यवस्था वापस करने का ऐतिहासिक रूप से जिम्मेदार था।

यह क्रांति इसी स्वरूप की कोख में पनपी इसी ने उसे जन्म दिया और इसी की देखरेख में यह विकसित हुई। यही कारण है कि यह क्रांति अपने मूल स्वभाव में सबसे अधिक गैर क्रांतिकारी क्रांति है क्योंकि इसमें विश्व की यथास्थिति को बदलने के बजाय मजबूती प्रदान की है। सूचना युग में सूचना ही शक्ति है। इस पर जिसका नियंत्रण है वही शक्तिशाली है। सूचना तंत्र के माध्यम से ही आज दुनिया भर के लोगों को घर बैठे ही ढेरों सामग्री प्राप्त हो रही है।

आज की मीडिया सामग्री पर भी शक्तिशाली पश्चिमी देशों का ही वर्चस्व है। हालांकि इस वर्चस्व को तोड़ने में सफलता प्राप्त होती जा रही है। राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर भी सूचना क्रांति में रंग बिरंगे विश्व को एक ही रंग में रंगने का बीड़ा उठा रखा है। सोवियत रूस के पतन के बाद सूचना प्रौद्योगिकियों की मदद से इस विचार को आसानी से समझा जा सकता है कि वैश्वीकरण और मुक्त अर्थव्यवस्था ही विकास का एक मात्र मॉडल है। इसी मॉडल को सातवें आठवें दशक के दौरान विकासशील देशों ने समवेद स्वर में नव उपनिवेशवादी रास्ता बताकर अस्वीकृत कर दिया था। आज आर्थिक सुधार और उदारीकरण के नाम पर अनेक देश विकास की इसी राह पर चल रहे हैं या फिर चलने को मजबूर हैं।

धन्यवाद

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FAQs

विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है?

विज्ञान दिवस को हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है।

क्यों विज्ञान महत्वपूर्ण है?

विज्ञान हमारे जीवन को सुखमय और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कैसे हम युवाओं में विज्ञान में रुचि पैदा कर सकते हैं?

हम स्कूलों और कॉलेजों में विज्ञान मेलों का आयोजन करके और युवाओं को विज्ञान के करियर के विकल्पों के बारे में जागरूक करके रुचि पैदा कर सकते हैं।

विज्ञान का क्या उपयोग है?

विज्ञान से हम नई तकनीकों का निर्माण करते हैं और समस्याओं का समाधान ढूंढ़ते हैं, जैसे कि चिकित्सा में गुणवत्ता बढ़ाना और प्रदूषण का समाधान।

विज्ञान दिवस का महत्व क्या है?

विज्ञान दिवस विज्ञान के महत्व को साझा करने और विज्ञान में रुचि बढ़ाने का मौका प्रदान करता है।

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