Makar Sankranti Essay In Hindi

Makar Sankranti Essay In Hindi- मकर संक्रांति भारतीय हिन्दू पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है और यह सूर्य के उत्तरायण में पहुंचने का संकेत देता है, जिसका मतलब होता है कि सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में जा रहा है और दिन का समय बढ़ने लगता है।

मकर संक्रांति का नाम उस समय की सूर्य की राशि “मकर” से लिया गया है, जिसे अंग्रेजी में “Capricorn” कहा जाता है। इस पर्व के इतिहास और महत्व भारत के विभिन्न भागों में विभिन्न नामों और प्रक्रियाओं के साथ मनाया जाता है, जैसे कि “Pongal” तमिलनाडु, “Lohri” पंजाब, और “Makara Sankranti” उत्तर भारत के कई राज्यों में।

इस पर्व के दौरान, लोग सूर्य की पूजा करते हैं और धान की पूजा भी करते हैं, क्योंकि यह पर्व खेतों में फसलों की खास प्रक्रिया के समय आता है। लोग परंपरागत गीत गाते हैं, और मिलकर खान-पान का आनंद लेते हैं।

मकर संक्रांति एक समृद्धि और खुशियों का पर्व होता है, जो भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और लोग इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं।

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Makar Sankranti Essay In Hindi

Makar Sankranti Essay In Hindi

प्रस्तावना

भारत एक ऐसा देश है जिसे त्योहारों और उत्सवों की भूमि माना जाता है और मकर संक्रांति से ये त्यौहार शुरू होते है। यह हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। मकर संक्राति के दिन चावल, गेहू, मिठाई दान करने से व्यक्ति को दान देने से समृद्धि आती है और उसकी सभी बाधाएं भी दूर होती है।

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मकर संक्रांति कब मनाया जाता है

यह आमतौर पर हर साल 14 जनवरी को पड़ता है लेकिन सूर्य चक्र के आधार पर यह 15 जनवरी को भी मनाया जाने लगा है। इस साल राशि में ये परिवर्तन 14 जनवरी को देर रात को हो रहा है इसीलिए इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी।

मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है

मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है क्योंकि यह हिन्दू पंचांग में महत्वपूर्ण तिथि होती है। इस दिन सूर्य अपने उत्तरायण की ओर बढ़ता है, जिससे दिन का समय बढ़ने लगता है और रात का समय कम होता है। पौष मॉस में जब सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है तभी हिन्दू मकर संक्रांति मनाते है

माना जाता है की इस भगवन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते है। चूकि शनि देव मकर राशि के स्वामी है इसीलिए इस त्यौहार को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

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मकर संक्रांति का अर्थ

मकर संक्रांति में “मकर” शब्द का अर्थ है राशि और संक्रांति का अर्थ है “संक्रमण”। इसीलिए “मकर संक्रांति” का अर्थ है सूर्य का मकर राशि में संक्रमण, जिसे हिन्दू धर्म के अनुसार सबसे शुभ अवसरों में से एक माना जाता है और बहुत सारे उत्सव के साथ लोगो द्वारा स्वागत किया जाता है।

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मकर संक्रांति का महत्त्व

मकर या उत्तरायण में सूर्य का संक्रमण आध्यात्मिक महत्त्व का है और इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से हमारे सभी पापो को धोने में मदद मिलती है और यह हमारी आत्मा को शुद्ध और पवित्र बनाता है। मकर संक्रांति से राते छोटी हो जाती है और दिन लम्बे होने लगते है जो आद्यात्मिक प्रकाश की वृद्धि और भौतिकवादी अन्धकार को कम करने का प्रतिक है। यह भी माना जाता है की “कुम्भ मेले” के दौरान मकर संक्रांति पर प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान करने से हमारे सभी पाप धुल जाते है और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती है।

मकर संक्रांति का वर्णन

मकर संक्रांति प्रसन्नता और एकजुटता का त्यौहार है। मकर संक्रांति हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे देश भर में अलग-अलग नामो और रीती-रिवाजो के साथ मनाया जाता है। लोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे नृत्य, गायन और भोजन के साथ मौसम के उत्सव का आनंद लेते है जो विशेष रूप से टिल के लड्डू बनाये जाते है। लोग पतंग भी उड़ाते है और अपने परिवार और दोस्तों के साथ त्यौहार का आनंद लेते है।

मकर संक्रांति वह त्यौहार है जो हिन्दू समुदाय द्वारा बड़े ही हर्ष और उल्लाश के साथ मनाया जाता है। लोग इस त्यौहार को सुबह नदियों में पवित्र दुबड़ी लगाकर मनाते है और सूर्य देव की पूजा करते है।

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मकर संक्रांति के विभिन्न स्वरुप

मकर संक्रांति पुरे देश में अलग-अलग नामो और रीती-रिवाजो के साथ मनाई जाती है। तमिलनाडु में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण, पंजाब और हरियाणा में माघी, बंगाल में पौष संक्रांति आदि में मनाया जाता है। हर चैत्र अपने अपने रीती रिवाजो के साथ त्यौहार मनाता है, लेकिन त्यौहार का उद्देस्य उत्साह, समृद्धि और ख़ुशी का प्रसार करना है।

उपसंहार

मकर संक्रांति आनंद, ख़ुशी और लोगो के साथ मेलजोल का त्यौहार है। मकर संक्रांति का मुख्या उद्देस्य लोगो के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ाना है।

मकर संक्रांति पर 20 लाइन हिंदी में

(1)- मकर संक्रांति हिन्दुओ का एक प्रसिद्ध त्यौहार है।

(2)- यह हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है।

(3)- यह पुरे भारत देश में मनाया जाता है।

(4)- इस दिन लोग सूर्य भगवन की पूजा करते है।

(5)- इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है।

(6)- इस दिन लोग नदियों में पवित्र स्नान करते है।

(7)- इस दिन लोग तिल-गुड़ के लड्डू खाते है।

(8)- लोग इस त्यौहार का पतंग उड़ाकर आनंद लेते है।

(9)- यह त्यौहार बहुत ही ख़ुशी और आनंद से मनाया जाता है।

(10)- यह त्यौहार आपसी प्रेम व भाईचारे का प्रतिक है।

(11)-   मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से भी जाना जाता है, जैसे खिचड़ी, लोहड़ी, और पोंगल।

(12)- इस दिन के आलावा, मकर संक्रांति के खेल और मेले भी आयोजित किए जाते हैं।

(13)- महिलाएं इस दिन खूबसरत मेहंदी और वस्त्र पहनती हैं और परंपरागत गाने गाती हैं।

(14)- मकर संक्रांति का त्योहार हर साल आने वाले नए साल की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है।

(15)- यह हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रादिस्पदा को मनाया जाता है।

(16)- इस दिन लोग दिन पूजन के बाद खिचड़ी खाते है और खिचड़ी और तिल का दान करते है।

(17)- भारत के तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है।

(18)- मकर संक्रांति पर्व को स्नान और दान पर्व भी कहा जाता है।

(19)- इस दिन पतंग उड़ाने का एक माहौल बना होता है।

(20)- मकर संक्राति के दिन चावल, गेहू, मिठाई दान करने से व्यक्ति को दान देने से समृद्धि आती है और उसकी सभी बाधाएं भी दूर होती है।

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मकर संक्रांति पर निबंध 200 शब्दों में (Sankranti NibandhIn Hindi)

मकर संक्रांति का त्यौहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार प्रतिवर्ष 14 या 15 जनवरी के दिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है इसीलिए इस त्यौहार को मकर संक्रांति कहा जाता है। यह त्यौहार भारत के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है तथा सभी राज्यों में इसे अलग अलग नामो से जाना जाता है जैसे- उत्तर-प्रदेश और पश्चिमी बिहार में खिचड़ी, तमिलनाडु में पोंगल, असम में माघ बिहू, पंजाब और हरिया में लोहरी नाम से जानते है।

इस दिन लोग तिल और गुड़ के लड्डू बनाते है तथा परिवार और दोस्तों में बाटते है। मकर संक्रांति के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करने जाते है। इस दिन स्नान और दान का बहुत महत्त्व है। इस दिन बच्चे नए कपड़े पहनते है और पतंग उड़ाते है। इस दिन के बाद से ही राते छोटी और दिन बड़ा होने लगता है। मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अन्धकार से प्रकाश की और अग्रसर होना माना जाता है। मकर संक्रांति पर्व पुरे भारतवर्ष में हर्ष, उल्लास और एकजुटताल का प्रतिक बन गया है।

मकर संक्रांति पर 10 लाइन (Makar Sankranti Hindi Nibandh)

(1)- मकर संक्रांति का उत्सव हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है।

(2)- हमारी मकर संक्रांति प्रमुख त्योहारों में से एक है।

(3)- इस दिन पतंग उड़ाने का विशेष महत्व होता है।

(4)- मकर संक्रांति पर्व को स्नान और दान का पर्व भी कहा जाता है।

(6)- उत्तर प्रदेश और बिहार में इस दिन को खिचड़ी पर्व के नाम से भी मनाया जाता है।

(7)- इस दिन लोग भगवान् की पूजा करने के बाद खिचड़ी खाते है और इसका दान भी करते है।

(8)- मकर संक्रांति के दिन लोग अपने घरो को फूलो और रंगोली से सजाते है।

(9)- तमिलनाडु में यह त्यौहार पोंगल के नाम से जाना जाता है

(10)- मकर संक्रांति पर कई जगहों पर मेला लगता है।

(11)- इस त्यौहार पर तिल और गुड़ की बनी मिठाई खायी जाती है।

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FAQs

मकर संक्रांति पर निबंध कैसे लिखे?

मकर संक्रांति पर एक अच्छा निबंध लिखने के लिए आपको सबसे पहले मकर संक्रांति के मरे में थोड़ा इंट्रोडक्शन देना होगा। उसके बाद मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है, कैसे मनाते है, थोड़ा सा मकर संक्रांति के बारे में इतिहास लिखो। इस तरह से आप मकर संक्रांति पर एक बढ़िया सा निबंध लिख सकते है।

मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है?

मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है क्योंकि यह हिन्दू पंचांग में महत्वपूर्ण तिथि होती है। इस दिन सूर्य अपने उत्तरायण की ओर बढ़ता है, जिससे दिन का समय बढ़ने लगता है और रात का समय कम होता है। पौष मॉस में जब सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है तभी हिन्दू मकर संक्रांति मनाते है।माना जाता है की इस भगवन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते है। चूकि शनि देव मकर राशि के स्वामी है इसीलिए इस त्यौहार को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

मकर संक्रांति की क्या कहानी है?

माना जाता है की इस भगवन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते है। चूकि शनि देव मकर राशि के स्वामी है इसीलिए इस त्यौहार को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

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