Hindi Short Stories For Class 1- हेलो दोस्तों, इस लेख में हम जानेंगे Hindi Short Stories For Class 1 के बारे में। इन छोटी-छोटी कहानियों से आपके बच्चो को अच्छी शिक्षा मिलेगी और जीवन की अच्छी-अच्छी बाते बताएगी। अगर आपको ये कहानिया पसंद आती है तो आप इन्हे शेयर जरूर कीजियेगा। आईये जानते है Hindi Short Stories For Class 1 के बारे में।
1. मेहनती चींटी (Hindi Short Stories For Class 1)
एक थी चींटी और एक था चूहा और चींटी बहुत मेहनती थी। चूहा चालक और कमजोर था। एक दिन चूहे ने चींटी से कहा- “चलो बीज बोते है।”
चींटी ने कहा- “ठीक है। चलो खेत जोत आये।”
चूहा बोला- “तुम चलो, मैं अभी आता हु।”
चींटी सारा दिन मेहनत करके खेत जोत आयी। चूहा बिल में सोता रहा।
चींटी चूहे के पास आयी और बोली, “चलो, अब खेत में बीज बो आते है।”
चूहे ने फिर बहाना बनाया, “आज मेरी तबियत ठीक नहीं है। तुम ही बीज बो दो।”
चींटी ने बीज बो दिए। कुछ दिनों में फसल उग आयी।
जब फसल पक गयी तो चींटी हसिया लेकर चूहे के पास गया और बोला- “चलो फसल काट ले।”
चूहे ने कहा, “आज मेरे घर मेहमान आने वाले है। तुम फसल काट लो।”
चींटी ने फसल काटी और मेहनत से बीज अलग कर लिए।
चींटी फिर चूहे के पास गयी और बोली, “चलो, बीज का बटवारा कर लो।”
चूहा बोला, “बटवारे की क्या जरुरत है। हम दोनों दौड़ लगाते है। जो गेहू के ढेर पर पहले पहुंचेगा, वही सारे बीज ले लेगा।”
चींटी उसकी चालाकी समज गयी। दोनों ने दौड़ना शुरू किया चींटी चूहे की पूछ पर चिपट गयी। चूहे को पता नहीं चला।
चूहा गेहू के ढेर के पास पहुंचा तो उसे वह एक बिल्ली बैठी दिखाई दी। चूहा डर से उलटे पैर लौट पड़ा।
चींटी उसकी पूछ से उतरकर धीरे-धीरे चलता हुआ बीज के ढेर पर जा बैठा।
थोड़ी देर में बिल्ली चली गयी। चूहा वापस आया।
चींटी मुस्कुराते हुई बोली, “तुम कहा रह गए थे चूहे भाई? मैं कब से तुम्हारी राह देख रहा हु।”
चूहा मुँह लटकाये चुपचाप चला गया। चींटी सारा बीज ले गयी।
2. माँ की प्यारी सीख (Hindi Short Story)
चेतन अपनी माँ के साथ एक बहुत अच्छे घर में रहता था।
वह बहुत अच्छा लड़का था और सदा अपनी माँ का कहना मानता था।
चेतन की माँ बहुत अच्छे पकवान बनाती थी।
चेतन को पकवान खाना बहुत पसंद था।
एक दिन चेतन की माँ ने बहुत बढ़िया कुकीज़ बनाकर, एक बड़े जार में रख दी और फिर बाजार चली गयी।
बाजार जाने से पहले चेतन की माँ उसको कह गयी थी की अपना गृह-कार्य समाप्त करने के बाद वह कुकीज खा सकता है।
चेतन बहुत खुश हुआ। उसने जल्दी से अपना गृह-कार्य समाप्त करके, अपनी माँ के लौटने से पहले ही कुकीज खानी चाही।
इसीलिए वह एक स्टूल पर चढ़ गया।
फिर उसके जार के अंदर हाथ डालकर ढेर सारी कुकीज़ निकालने की कोशिश की, पर जार का मुँह छोटा होने के कारण वह अपना हाथ बाहर नहीं निकल सका।
उसी समय उसकी माँ बाजार से लौट आयी।
जब उसने चेतन को देखा तो वह हसने लगी और अपने बेटे चेतन से कहा, “चेतन हाथ से ढेर सारी कुकीज़ छोड़कर, केवल दो या तीन कुकीज़ हाथ में पकड़कर हाथ बाहर निकालो।”
माँ की बात मानकर, जब उसने सिर्फ दो कुकीज़ हाथ में पकड़ी, तब उसका हाथ आसानी से बाहर निकल गया।
तब उसकी माँ ने प्यार से कहा, “ऐसा करने से तुमने क्या सीखा?”
चेतन ने कहा, “मैंने सीखा की किसी भी चीज का लालच अच्छी बात नहीं है। हमे हर चीज उतनी ही लेनी चाहिए जितनी हमे जरुरत हो।”
3. चींटी और कबूतर (Kids Story For Class1)
एक समय की बात है पेड़ पर से एक चींटी तालाब में गिर गयी।
एक कबूतर ने उसे अपना जीवन बचाने के लिए जी तोड़ कोशिश करते हुए देखा उसने एक पत्ते को तोडा और चींटी के पास फेक दिया।
चींटी झठ से पत्ते पर चढ़ गई और बड़ी कृतज्ञता भरी नजरो से उसने कबूतर को धन्यवाद किया।
वह बहुत थक गयी थी।
कुछ सप्ताहों की बाद की बात है एक बहेलिया जंगल में आया बहेलियों का तो काम ही होता है पक्षियों को पकड़ना।
उसने कुछ दाने जमीन पर फेके और उस पर अपना जल बिछा दिया।
वह चुपचाप किसी पक्षी के जाल में फसने का इंतजार कर रहा था।
वह चींटी- जो वही कही से गुजर रही थी उसने जब वह सारी तयारी देखी- तो क्या देखती है
की वही कबूतर जिसने उसकी जान बचाई थी उड़कर उसी जाल में फसने के लिए धीरे-धीरे नीचे उत्तर रहा था।
चींटी ने एक दम आगे बढ़ बहेलिये के पैर पर इतनी बुरी तरह काट दिया की बहेलिये के मुँह से चीख निकल गयी
“आह्हः —— तेरी ऐसी की तैसी हेय ……….. ओह परमात्मा।”
कबूतर ने एक दम देखा की शोर किधर से आ रहा है और बहेलिये को देखते ही सब कुछ उसकी समझ में आ गया।
वह दूसरी दिशा में उड़ गया और उसकी जान बच गयी।
चींटी भी अपने काम पर चल दी।
तभी तो कहते है। “कर भला सो हो भला”
4. चतुर खरगोश की कहानी (Hindi Short Stories For Class 1)
किसी जंगल में एक शेर रहता था। वह जंगल में रहने वाले जानवरो को मार कर खा जाता था।
इसी कारण जंगल के सभी जिव जन्तुओ को शेर से बहुत डर लगता था।
एक बार सभी जानवरो ने शेर के साथ मिलकर समझौता किया की अपनी बारी से शेर के पास पहुंच जाता और दूसरे जानवर बिना डर के जंगल में घूमते।
एक बार खरगोश की बारी आयी वह धीरे-धीरे शेर के पास जा ही रहा था की अचानक रस्ते में उसे एक तरकीब सूझी,
वह बहुत देर करके शेर के पास पंहुचा।
शेर भूखा होने के कारण बेचैन अपनी गुफा के बाहर चक्कर लगा रहा था। खरगोश को देखते ही शेर गरजा और बोला,
अरे खरगोश तुम इतनी देर से क्यों आये हो, भूख से मेरी जान निकली जा रही है।
खरगोश बोला महाराज हम पांच भाई, आपकी सेवा के लिए आयी रहे थे की परन्तु रस्ते में एक दूसरा शेर मिल गया, वह बोला की वह जंगल का राजा है।
उसने हम पर हमला कर दिया, और मेरे भाइयो को खा गया महाराज मैं किसी तरह जान बचाकर आपको यह सन्देश देने पंहुचा हु।
यह बात सुनकर शेर बहुत क्रोधित हुआ और बोला, कहा है वो दुस्ट जो अपने आप को राजा बता रहा है।
मुझे दिखाओ मैं अभी उसका काम तमाम करता हु, खरगोश शेर को कुए के पास ले गया
जब शेर ने कुए में झाका तो उसे अपनी परछाई दिखाई दी, और उसे दूसरा शेर समझकर वह जोर से गरजा क्रोधित होकर
उसे लगा कुए के अंदर छलांग दी, परन्तु उस कुए के अंदर कोई दूसरा शेर नहीं था।
वह तो केवल पानी ही पानी था। बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था।
शेर बहुत देर तक पानी में झटपटता रहा। और वही डूब के मर गया।
इस प्रकार नन्हे खरगोश ने अपनी चतुराई से अपनी तथा अन्य जानवरो की जान बचा ली।
5. लालची दूधवाला (Hindi Short Stories For Class 1)
एक छोटे से गांव में एक दूधवाला रहता था। वह बहुत ही लालची था।
वह हर रोज नदी पार करके शहर में अपने ग्राहकों को दूध बेचता था।
शहर जाते समय वह नदी का पानी अपने दूध में मिलाकर अपने ग्राहकों को बेच देता था।
और बहुत सरे पैसे कमाता था। देखते ही देखते वह अमीर आदमी बन गया था।
एक दिन अपने बेटे की शादी मानाने के लिए अपने सारे ग्राहकों के पास पैसे मांगने के लिए गया।
सारे पैसे इकठा हो जाने के बाद उसने उन पैसो से नए कपड़े और गहने ख़रीदे।
शहर से लौटते समय उसकी नाव एक पत्थर से टकराई और पलट गयी।
उसने देखा की उसके सारे कपड़े और गहने पानी में डूब गए।
ये देख कर बेचारा बहुत ही उदास हुआ और रोने लगा।
तब अचानक पानी में से एक आवाज आयी “रोते क्यों हो जो भी तुमने गवाया है वो तुमने बेईमानी से तो कमाया था।”
ये सुनकर दूधवाले को अपनी गलती का एहसास हुआ।
इस कहानी से हमे यह सिख मिलती है की “लालच बुरी बला है।”